6 नवंबर 2025 - 13:36
हिज़्बुल्लाह ने लेबनान सरकार चेताया, भ्रम में न रहो, एकजुटता का समय 

हथियारों के नियंत्रण का मुद्दा दुश्मन के सामने सौदेबाज़ी या विदेशी दबाव का साधन नहीं बनना चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के ढाँचे में देखा जाना चाहिए ताकि देश की संप्रभुता की रक्षा हो सके।”

हिज़्बुल्लाह ने लेबनान के राष्ट्रपति, संसद अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र में कहा है कि “ज़ायोनी शासन की बढ़ती आक्रमकताओं के सामने राष्ट्रीय एकजुटता का समय आ गया है। हिज़्बुल्लाह ने सत्ताधारियों को सचेत किया है कि “नई वार्ताओं के छलावे में न फंसे।

अहलेबैत (अ) इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हिज़्बुल्लाह ने इस पत्र में 27 नवम्बर 2024 की युद्धविराम संधि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इस्राईल लगातार इस समझौते का उल्लंघन कर रहा है। संगठन ने कहा कि यह समझौता सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के आधार पर और अमेरिकी मध्यस्थ एमोस होकस्टीन की अप्रत्यक्ष वार्ता के जरिए हुआ था, लेकिन इस्राईल ने बार-बार इसे तोड़ा है।

पत्र में कहा गया: “लेबनान और हिज़्बुल्लाह के युद्धविराम की शर्तों के सख़्त पालन के बावजूद, इस्राईल ज़मीनी, हवाई और समुद्री हमलों के ज़रिए लगातार इसका उल्लंघन कर रहा है और अब नई राजनीतिक शर्तों के साथ लेबनान सरकार को ऐसी वार्ता में खींचना चाहता है जो केवल दुश्मन के हित में है।”

हिज़्बुल्लाह ने स्पष्ट किया: “हथियारों के नियंत्रण का मुद्दा दुश्मन के सामने सौदेबाज़ी या विदेशी दबाव का साधन नहीं बनना चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के ढाँचे में देखा जाना चाहिए ताकि देश की संप्रभुता की रक्षा हो सके।”

पत्र में कहा गया: “ज़ायोनी शासन का निशाना सिर्फ़ हिज़्बुल्लाह नहीं है; उसका उद्देश्य पूरे लेबनान, उसकी सेना, जनता और संप्रभुता को कमज़ोर करना है, ताकि वह हमारे देश और क्षेत्र में अपने अवैध हितों को स्वीकार करवा सके।

इस संगठन ने चेतावनी दी कि “देश को नई वार्ताओं के भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि ऐसी बातचीत केवल दुश्मन को और ज़्यादा रियायतें देगी, जबकि उसने कभी अपने वादे निभाए नहीं।

 हिज़्बुल्लाह ने कहा कि हम लेबनान के हिस्से के रूप में ज़ायोनी कब्ज़े और आक्रमण के ख़िलाफ़ अपने वैध प्रतिरोध के अधिकार को सुरक्षित मानते हैं। देश की रक्षा कोई युद्धप्रियता नहीं, बल्कि उस दुश्मनी के खिलाफ़ वैध प्रतिक्रिया है जिसने हम पर युद्ध थोपा है।”

हिज़्बुल्लाह ने “लेबनान की धैर्यवान और प्रतिरोधी जनता” को सलाम करते हुए कहा कि “हमारा वादा है कि हम अपने देश, जनता और आने वाली पीढ़ियों की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष के मोर्चे पर डटे रहेंगे।”

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